Learn Kurukh Language.
Kurukh Language Translator.
About Kurukh people.
मैं अविनाश भगत , उरांव जनजाति से हूं। हम अपनी भाषा के ज़रिए अपनी पहचान बरकरार रखते हैं। और हमारे लोग कहीं न कहीं इस पहचान को खोते जा रहे हैं। इसीलिए इसे विलुप्त होने से बचाए रखने के लिए मेरा यह छोटा सा प्रयास है, जिसके ज़रिए मेरी कोशिश रहेगी कि मैं अपने संस्कृति और भाषा की पहचान को बरकरार रख सकूं।
About Kurukh Language:-
Kurukh Language उरांव जनजाति द्वारा बोली जानी वाली भाषा है, कुँडुख भाषा की लिपि : तोलोंग सिकि है . वैसे तो उरांव जनजाति भारत , नेपाल, भूटान, नेपाल , बांग्लादेश वा अन्य देशों के कुछ स्थानों पर निवास करते हैं , लेकिन भारत देश की बात की जाए तो मुख्य रूप से उरांव जनजाति भारत के झारखंड, उड़ीसा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,बिहार,पश्चिम बंगाल, अंडमान - निकोबार आदि राज्यों पर निवास करते हैं एवं kurukh language बोलते है । उरांव जनजाति के नजदीक बसने वाली अन्य जनजाति के लोग भी kurukh language को बोलना वा समझना सीख जाते है क्योंकि Kurukh bhasa एक समृद्ध एवं सशक्त भाषा है जो अन्य जनजाति के लोगों को काफी प्रभावित करता है । Kurukh language उरांव जनजाति की पहचान है, और इनका अपना इतिहास है, जो उरांव जनजाति के लोगों को औरों से अलग बनाता है । भारत देश में kurukh लैंग्वेज बोलने वालो की जनसंख्या लगभग 3.8 million है ।(2011 के जनगणना के अनुसार) वर्तमान में Kurukh bhasa बोलने वालों की जनसंख्या में आवश्य वृद्धि हुई होगी।
यह झारखंड की दूसरी और भारत की चौथी सबसे बड़ी जनजाति है।
निष्कर्ष : - Kurukh bhasa के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सभी उरांव भाइयों एवं बहनों को अपने अपने स्तर पर काम करना होगा , आप लोग अपनी आदिवासी Kurukh भाषा का जितना ज्यादा प्रयोग करोगे उतनी ही ज्यादा मजबूत आधार मिलेगा । आदिवासी संस्कृति जब भी पतन की कगार पर होगी तो उसे उसकी भाषा जीवन्त प्रदान करेगी।
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